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नमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको छठ पूजा व्रत कथा PDF / Chhath Puja Vrat Katha PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। छठ पूजा का त्यौहार भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार पर महिलाएं पुरे दिन निर्जला व्रत करती हैं अपनी संतान की लम्बी उम्र के लिए तथा संतान प्राप्ति के लिए। इस त्यौहार पर महिलाएं पुरे दिन निर्जला व्रत करती हैं अपनी संतान की लम्बी उम्र के लिए तथा संतान प्राप्ति के लिए। चतुर्थी को नहाय-खाय होता है। नहाय-खाय के दिन लोग घर की साफ-सफाई/पवित्र करके पूरे दिन सात्विक आहार लेते हैं। यहाँ से आप छठ पूजा व्रत कथा PDF / Chhath Puja Vrat Katha PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं वो भी बिना किसी परेशानी के।
इस व्रत में महिलाएं छठी मैया की पूजा करती हैं। छठी माता खुस हो कर महिलाओं को मन चाहा वरदान देती हैं। इस पर्व की तैयारियां कई दिनों पहले से शुरू हो जाती है। छठ पूजा का महा पर्व लगातार चार दिनों तक चलता है तथा इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है। छठ पूजा में विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा की जाती है। जिसमें उगते सूर्य के साथ ही डूबते सूर्य को भी जल दिया जाता है।
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छठ पूजा व्रत कथा PDF | Chhath Puja Vrat Katha PDF in Hindi
एक कथा के अनुसार राजा प्रियवद को कोई संतान नहीं थी, तब महर्षि कश्यप ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराकर उनकी पत्नी मालिनी को यज्ञाहुति के लिए बनाई गई खीर दी। इसके प्रभाव से उन्हें पुत्र हुआ परंतु वह मृत पैदा हुआ। प्रियवद पुत्र को लेकर श्मशान गए और पुत्र वियोग में प्राण त्यागने लगे। उसी वक्त भगवान की मानस कन्या देवसेना प्रकट हुई और कहा कि सृष्टि की मूल प्रवृत्ति के छठे अंश से उत्पन्न होने के कारण मैं षष्ठी कहलाती हूं। राजन तुम मेरा पूजन करो तथा और लोगों को भी प्रेरित करो। राजा ने पुत्र इच्छा से देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। यह पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी।
मूलतः सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा गया है। यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में। चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जानेवाले छठ पर्व को चैती छठ व कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है। पारिवारिक सुख-समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है।
इस पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं। छठ पूजा चार दिवसीय उत्सव है। इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को तथा समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है। इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। इस दौरान वे पानी भी ग्रहण नहीं करते।
छठ पर्व बांस निर्मित सूप, टोकरी, मिट्टी के बरतनों, गन्ने के रस, गु़ड़, चावल और गेहूं से निर्मित प्रसाद और सुमधुर लोकगीतों से युक्त होकर लोक जीवन की भरपूर मिठास का प्रसार करता है। यह मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। षष्ठी को मनाया जाने वाला छठ पूजा सूर्य उपासना का अनुपम लोकपर्व है।
छठ पूजा विधि PDF | Chhath Puja Vidhi PDF in Hindi
- छठ पर्व में मंदिरों में पूजा नहीं की जाती है और ना ही घर में साफ-सफाई की जाती है।
- पर्व से दो दिन पूर्व चतुर्थी पर स्नानादि से निवृत्त होकर भोजन किया जाता है।
- पंचमी को उपवास करके संध्याकाल में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। तत्पश्चात अलोना (बिना नमक का) भोजन किया जाता है।
- षष्ठी के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेते समय इन मंत्रों का उच्चारण करें।
- ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।
- पूरा दिन निराहार और नीरजा निर्जल रहकर पुनः नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
- अर्घ्य देने की भी एक विधि होती है। एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढंक दें। तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
छठ पूजा 2021 का कार्यक्रम | Chhath Puja 2021 Ka Muhurt
8 नवंबर 2021,सोमवार- (नहाय-खाय)
9 नवंबर 2021, मंगलवार-(खरना)
10 नवंबर 2021,बुधवार- (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
11 नवंबर 2021, शुक्रवार- (उगते सूर्य को अर्घ्य)