
यदि आप श्री कुबेर अष्टोत्तर शतनामवाली स्तोत्र PDF/ Kubera Ashtottara in Sanskrit PDF इंटरनेट पर ढूंढ रहे हैं तो आप बिलकुल सही वैबसाइट पर आए हैं। यहाँ से आप इस PDF को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। जैसा कि आपको पता होगा जो भी भगवान कुबेर को अपनी भक्ति से प्रसन्न कर लेता है उस पर कुबेर भगवान शीघ्र ही कृपा करते हैं और इनकी कृपा से वह व्यक्ति गरीबी व दुख से कोसों दूर रहता है। इसीलिए कुबेर जी को धन का देवता भी कहा जाता है।
कुबेर जी भगवान शिव के प्रिय भक्त भी हैं। इसीलिए यह भी कहा जाता है कि जो भी कुबेर जी को प्रसन्न कर लेता है उस पर शिव जी कि भी अत्यंत कृपा होती है। अगर आप बहुत समय से धन से जुड़ी समस्या से परेशान हैं तो नियमित रूप से भगवान गणेश जी, धन की देवी मानी जाने वाली लक्ष्मी के साथ – साथ भगवान कुबेर जी की पूजा अवश्य करें।
कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए कुबेर अष्टोत्तर शतनामवाली स्तोत्र का विधिपूर्वक पाठ अवश्य करें। इसमें कुबेर जी के 108 चमत्कारी नामों का वर्णन किया गया है। यह बहुत ही लाभकारी और शीघ्र फल देने वाला स्तोत्र माना जाता है। इसका भक्तिपूर्वक जाप करने से आपके जीवन की दुख – दरिद्रता शीघ्र ही नष्ट जो जाएगी और आपका घर खुशियों से जगमगा उठेगा।
PDF Name | श्री कुबेर अष्टोत्तर शतनामावली | Kubera Ashtottara PDF |
No. of Pages | 9 |
PDF Size | 0.45 MB |
Language | Sanskrit |
Category | Religion & Spirituality |
Source | quickpdf.in |
Download Link | Given below |
Downloads | 263 |
Contents
श्री कुबेर अष्टोत्तर शतनामावली स्तोत्र / Kubera Ashtottara Lyrics in Sanskrit PDF
ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः ।
ॐ यक्षराजाय विद्महे अलकाधीशाय धीमहि ।
तन्नः कुबेरः प्रचोदयात् ।
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय
धनधान्याधिपतये धनधान्यादि
समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा ।
श्रीसुवर्णवृष्टिं कुरु मे गृहे श्रीकुबेर ।
महालक्ष्मी हरिप्रिया पद्मायै नमः ।
राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे ।
समेकामान् कामकामाय मह्यं कामेश्वरो वैश्रवणो ददातु ।
कुबेराज वैश्रवणाय महाराजाय नमः ।
ध्यानम्
मनुजबाह्यविमानवरस्तुतं
गरुडरत्ननिभं निधिनायकम् ।
शिवसखं मुकुटादिविभूषितं
वररुचिं तमहमुपास्महे सदा ॥
अगस्त्य देवदेवेश मर्त्यलोकहितेच्छया ।
पूजयामि विधानेन प्रसन्नसुमुखो भव ॥
अथ कुबेराष्टोत्तरशतनामावलिः ॥
ॐ कुबेराय नमः ।
ॐ धनदाय नमः ।
ॐ श्रीमते नमः ।
ॐ यक्षेशाय नमः ।
ॐ गुह्यकेश्वराय नमः ।
ॐ निधीशाय नमः ।
ॐ शङ्करसखाय नमः ।
ॐ महालक्ष्मीनिवासभुवे नमः ।
ॐ महापद्मनिधीशाय नमः ।
ॐ पूर्णाय नमः । १०
ॐ पद्मनिधीश्वराय नमः ।
ॐ शङ्खाख्यनिधिनाथाय नमः ।
ॐ मकराख्यनिधिप्रियाय नमः ।
ॐ सुकच्छपाख्यनिधीशाय नमः ।
ॐ मुकुन्दनिधिनायकाय नमः ।
ॐ कुन्दाख्यनिधिनाथाय नमः ।
ॐ नीलनित्याधिपाय नमः ।
ॐ महते नमः ।
ॐ वरनिधिदीपाय नमः ।
ॐ पूज्याय नमः । २०
ॐ लक्ष्मीसाम्राज्यदायकाय नमः ।
ॐ इलपिलापत्याय नमः ।
ॐ कोशाधीशाय नमः ।
ॐ कुलोचिताय नमः ।
ॐ अश्वारूढाय नमः ।
ॐ विश्ववन्द्याय नमः ।
ॐ विशेषज्ञाय नमः ।
ॐ विशारदाय नमः ।
ॐ नलकूबरनाथाय नमः ।
ॐ मणिग्रीवपित्रे नमः । ३०
ॐ गूढमन्त्राय नमः ।
ॐ वैश्रवणाय नमः ।
ॐ चित्रलेखामनःप्रियाय नमः ।
ॐ एकपिनाकाय नमः ।
ॐ अलकाधीशाय नमः ।
ॐ पौलस्त्याय नमः ।
ॐ नरवाहनाय नमः ।
ॐ कैलासशैलनिलयाय नमः ।
ॐ राज्यदाय नमः ।
ॐ रावणाग्रजाय नमः । ४०
ॐ चित्रचैत्ररथाय नमः ।
ॐ उद्यानविहाराय नमः ।
ॐ विहारसुकुतूहलाय नमः ।
ॐ महोत्सहाय नमः ।
ॐ महाप्राज्ञाय नमः ।
ॐ सदापुष्पकवाहनाय नमः ।
ॐ सार्वभौमाय नमः ।
ॐ अङ्गनाथाय नमः ।
ॐ सोमाय नमः ।
ॐ सौम्यादिकेश्वराय नमः । ५०
ॐ पुण्यात्मने नमः ।
ॐ पुरुहुतश्रियै नमः ।
ॐ सर्वपुण्यजनेश्वराय नमः ।
ॐ नित्यकीर्तये नमः ।
ॐ निधिवेत्रे नमः ।
ॐ लङ्काप्राक्तननायकाय नमः ।
ॐ यक्षिणीवृताय नमः ।
ॐ यक्षाय नमः ।
ॐ परमशान्तात्मने नमः ।
ॐ यक्षराजे नमः । ६०
ॐ यक्षिणीहृदयाय नमः ।
ॐ किन्नरेश्वराय नमः ।
ॐ किम्पुरुषनाथाय नमः ।
ॐ खड्गायुधाय नमः ।
ॐ वशिने नमः ।
ॐ ईशानदक्षपार्श्वस्थाय नमः ।
ॐ वायुवामसमाश्रयाय नमः ।
ॐ धर्ममार्गनिरताय नमः ।
ॐ धर्मसम्मुखसंस्थिताय नमः ।
ॐ नित्येश्वराय नमः । ७०
ॐ धनाध्यक्षाय नमः ।
ॐ अष्टलक्ष्म्याश्रितालयाय नमः ।
ॐ मनुष्यधर्मिणे नमः ।
ॐ सुकृतिने नमः ।
ॐ कोषलक्ष्मीसमाश्रिताय नमः ।
ॐ धनलक्ष्मीनित्यवासाय नमः ।
ॐ धान्यलक्ष्मीनिवासभुवे नमः ।
ॐ अष्टलक्ष्मीसदावासाय नमः ।
ॐ गजलक्ष्मीस्थिरालयाय नमः ।
ॐ राज्यलक्ष्मीजन्मगेहाय नमः । ८०
ॐ धैर्यलक्ष्मीकृपाश्रयाय नमः ।
ॐ अखण्डैश्वर्यसंयुक्ताय नमः ।
ॐ नित्यानन्दाय नमः ।
ॐ सुखाश्रयाय नमः ।
ॐ नित्यतृप्ताय नमः ।
ॐ निराशाय नमः ।
ॐ निरुपद्रवाय नमः ।
ॐ नित्यकामाय नमः ।
ॐ निराकाङ्क्षाय नमः ।
ॐ निरूपाधिकवासभुवे नमः । ९०
ॐ शान्ताय नमः ।
ॐ सर्वगुणोपेताय नमः ।
ॐ सर्वज्ञाय नमः ।
ॐ सर्वसम्मताय नमः ।
ॐ सर्वाणिकरुणापात्राय नमः ।
ॐ सदानन्दकृपालयाय नमः ।
ॐ गन्धर्वकुलसंसेव्याय नमः ।
ॐ सौगन्धिककुसुमप्रियाय नमः ।
ॐ स्वर्णनगरीवासाय नमः ।
ॐ निधिपीठसमाश्रयाय नमः । १००
ॐ महामेरूत्तरस्थाय नमः ।
ॐ महर्षिगणसंस्तुताय नमः ।
ॐ तुष्टाय नमः ।
ॐ शूर्पणखाज्येष्ठाय नमः ।
ॐ शिवपूजारताय नमः ।
ॐ अनघाय नमः ।
ॐ राजयोगसमायुक्ताय नमः ।
ॐ राजशेखरपूज्याय नमः ।
ॐ राजराजाय नमः । १०९
इति ।
कुबेर अष्टोत्तर शतनामवाली स्तोत्र का पाठ करने की विधि
- सर्वप्रथम उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएँ।
- तत्पश्चात एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएँ।
- तदोपरान्त भगवान कुबेर की मूर्ति या छायाचित्र स्थापित करें।
- अब उसके सामने एक स्वस्तिक बनाएँ और कुछ फूल अवश्य अर्पित करें।
- तत्पश्चात कुबेर जी को धूप, दीप, अक्षत, रोली, चन्दन आदि अर्पित करें।
- अब भगवान कुबेर जी का ध्यान करते हुये इस शतनामवाली स्तोत्र का पाठ करें।
- पाठ समाप्त हो जाने के बाद अपने तथा अपने परिवार के लिए प्रार्थना अवश्य करें।
श्री कुबेर अष्टोत्तर शतनामावली PDF / Kubera Ashtottara PDF डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें।