
यदि आप रुद्राभिषेक विधि इन हिंदी PDF / Rudrabhishek Puja Vidhi Hindi PDF इंटरनेट पर ढूंढ रहे हैं, तो इस आर्टिकल पर आपका स्वागत है। भगवान् शिव जी की आराधना में रुद्राभिषेक का बहुत अधिक महत्व होता है। रुद्राभिषेक एक ऐसी पूजन विधि है जिसके द्वारा आप सरलता से भगवान् शिव को जी को प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
भगवान् शिव जी को ही रूद्र के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि जब वह तांडव नृत्य करते हैं तो वह रूद्र अवस्था में आ जाते हैं। यदि आप अपने जीवन में सभी ओर से संकटों से घिर चुके हैं अथवा किसी विशेष मनोरथ को पूर्ण करना चाहते हैं, तो आपको किसी विद्द्वान ब्राह्मण द्वारा अथवा ज्ञात होने पर स्वयं द्वारा किसी भी शिवालय (शिव जी के मंदिर) में रुद्राभिषेक अवश्य करना या करवाना चाहिए।
Contents
रुद्राभिषेक विधि इन हिंदी PDF | Rudrabhishek Puja Vidhi Hindi PDF Details
PDF Name | रुद्राभिषेक विधि इन हिंदी PDF | Rudrabhishek Puja Vidhi Hindi PDF |
No. of Pages | 10 |
PDF Size | 475 KB |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | quickpdf.in |
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रुद्राभिषेक विधि इन हिंदी PDF | Rudrabhishek Puja Vidhi Hindi PDF Summary
रुद्राभिषेक में शिवलिंग की विधिवत् पूजा की जाती है, इसमें आप दुग्ध, घृत, जल, गन्ने का रस, शक्कर मिश्रित जल अपने इच्छा के अनुसार उपयोग कर सकते हैं। नियम निम्नांकित है —
पूजन – सभी देवी देवताओं का विधिवत् पूजन करें।
अभिषेक – श्रिंगी द्वारा अभिषेक करें, रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करें।
रूद्राभिषेक पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
- दीपक,
- तेल या घी,
- फूल,
- चंदन का पेस्ट,
- सिंदूर,
- धूप,
- कपूर,
- विशेष व्यंजन,
- खीर,
- फल,
- पान के पत्ते
- मेवा,
- नारियल
- पवित्र राख,
- ताजा दूध,
- दही,
- शहद,
- गुलाबजल,
- पंचामृत (शहद के साथ फल मिला हुआ),
- गन्ना का रस,
- निविदा नारियल का पानी,
- चंदन पानी,
- गंगाजल
- अन्य सुगंधित पदार्थ ।
रुद्री पाठ की विधि
- शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी का पाठ (1 या 11 बार)
- रुद्राष्टाध्यायी का पंचम और अष्टम अध्याय का पाठ।
- कृष्णयजुर्वेदीय पाठ का “नमक” पाठ 11 बार उसके बाद “चमक” पाठ के एक श्लोक का पाठ। (एकादश रूद्र पाठ)
- शिव सहस्रनाम का पाठ।
- रूद्र सुक्त का पंचम अध्याय का पाठ।[7]
- उत्तर पूजन पुन: पूजन करें।
बिल्वार्पण आचार्य शिवमहिम्न स्तोत्र आदि शिव श्रोत्रो का पाठ करते हुए बिल्व अर्पित करें।
आरती मंगल आरती करें।
पार्थिव पूजन
- सर्वप्रथम पवित्रीकरण करें।
- शिवलिंग निर्माण – सर्वप्रथम काली मिट्टी से शिवलिंग निर्माण करें यहाँ आप 121 रुद्री बनावें, आचार्य से पूछें कि क्या क्या बनाना होगा।
- प्रतिष्ठा प्रतिष्ठा करें।
- गणेश पूजन गणेश तथा आवाहित देवताओं का पूजन करें।
- शिव पूजन शिवलिंग का पूजन करें।
- अभिषेक रुद्राभिषेक करें आचार्य रुद्री का पाठ करें।
- उत्तर पूजन शिव पूजन करें।
- बिल्वार्पण आचार्य स्तोत्र पाठ करें यजमान बिल्व अर्पित करें।
- हवन करें।
- आरती
- दक्षिणा आचार्य को दक्षिणा भूयषी दें।
- विसर्जन
रूद्राभिषेक के लिए आवश्यक सामग्री
- रुद्राभिषेक की शुरुआत से पहले विस्तृत तैयारी की आवश्यकता होती है।
- भगवान शिव, माता पार्वती, अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों के लिए आसन या सीटें तैयार की जाती हैं।
- पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करके आशीर्वाद मांगा जाता है।
- भक्त संकल्प लेते हैं या पूजा करने का उल्लेख बताते हैं।
- इस पूजा में विभिन्न देवताओं और सार्वभौमिक ऊर्जा के देवी-देवताओं जैसे धरती मां, गंगा माता, गणेश, भगवान सूर्य, देवी लक्ष्मी, भगवान अग्नि, भगवान ब्रह्मा और नौ ग्रह शामिल हैं।
इन सभी देवताओं की पूजा करने और प्रसाद अर्पण करने के बाद शिवलिंग की पूजा की जाती है, अभिषेक के दौरान शिवलिंग से बहने वाले पानी को एकत्र करने की व्यवस्था के साथ इसे वेदी पर रखा जाता है।
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